Tuesday 30 August 2011

आन्‍दोलनरत मज़दूरों को समर्थन देने की अपील


मैनेजमेण्‍ट की तानाशाही और जबरन तालाबन्‍दी के ख़ि‍लाफ़ मारुति सुज़ुकी, मानेसर के आन्‍दोलनरत मज़दूरों को समर्थन देने की अपील

प्रिय साथी,
भारत की सबसे बड़ी कार कम्‍पनी मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड के  मैनेजमेण्‍ट ने 29 अगस्‍त की सुबह से मानेसर, गुड़गांव स्थित कारख़ाने में जबरन तालाबन्‍दी कर दी है। मैनेजमेण्‍ट ने अनुशासनहीनता और ‘काम धीमा करने’ का झूठा आरोप लगाकर आज सुबह 11 स्‍थायी मज़दूरों को बर्खास्‍त कर दिया और 10 को निलम्बित कर दिया। कम्‍पनी ने एक निहायत तानाशाहीभरा ”उत्तम आचरण शपथपत्र” (गुड कंडक्‍ट अंडरटेकिंग) भी मज़दूरों पर थोप दिया है और यह फ़रमान जारी कर दिया है कि जो मज़दूर इस पर हस्‍ताक्षर नहीं करेगा उसे ”हड़ताल पर” माना जाएगा और कारख़ाने में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा।
कल शाम से ही मैनेजमेण्‍ट ने इस ग़ैरक़ानूनी तालाबन्‍दी की तैयारी शुरू कर दी थी और भारी संख्‍या में पुलिस कारख़ाना गेट और परिसर के भीतर तैनात कर दी गयी थी।
मगर मारुति के मैनेजमेंट ने इस मुद्दे पर एकदम ग़ैरकानूनी रुख अपनाते हुए यूनियन को मान्‍यता देने से इंकार कर दिया है और आन्‍दोलन को तोड़ने के लिए फ़ासिस्‍ट किस्‍म के हथकंडे अपना रहा है। इसमें हरियाणा के कांग्रेस सरकार की उसे खुली मदद मिल रही है।
गुड़गांव और उसके आसपास फैले विशाल औद्योगिक क्षेत्र में स्थित सैकड़ों कारख़ानों में कम से कम 20 लाख मज़दूर काम करते हैं। अकेले आटोमोबाइल उद्योग की इकाइयों में करीब 10 लाख मज़दूर काम करते हैं। अत्‍याधुनिक कारखानों में दुनिया भर की कंपनियों के लिए आटो पार्ट्स बनाने वाले ये मज़दूर बहुत बुरी स्थितियों में काम करते हैं। इनमें से 90 प्रतिशत से भी अधिक ठेका मज़दूर हैं जो 4000-5000 रुपये महीने पर 10-10, 12-12 घंटे काम करते हैं, काम की रफ़्तार और बोझ बेहद अधिक होता है और लगातार सुपरवाइज़रों तथा सिक्‍योरिटी वालों की गाली-गलौज और मारपीट तक सहनी पड़ती है। अधिकांश कारख़ानों में यूनियन नहीं है और जहां है भी वहां अगुआ मज़दूरों को तरह-तरह से प्रताड़ि‍त करने और निकालने के हथकंडे जारी रहते हैं। स्‍थापित बड़ी यूनियनें ज़ुबानी जमाखर्च से ज़्यादा कुछ नहीं करतीं और बहुत से मामलों में तो मज़दूरों के साथ दगाबाज़ी कर चुकी हैं। ऐसे में यूनियन बनाने के अधिकार का मसला पूरे गुड़गांव इलाके का एक आम और सर्वव्‍यापी मुद्दा है।
मारुति सुज़ुकी, मानेसर के मज़दूर अन्‍य मज़दूरों के मुकाबले थोड़े अधिक पैसे भले ही कमा लेते हैं लेकिन उनकी भी काम की परिस्थितियां बहुत खराब हैं। मज़दूरों पर काम का दबाव बहुत अधिक रहता है और कभी-कभी तो 16 घंटे तक लगातार काम करना पड़ता है। छुट्टी बहुत मुश्किल से मिलती है और शिफ्ट में जरा भी देर होने पर अनुपस्थित घोषित कर भारी जुर्माना काट लिया जाता है। लंच और चाय के लिए दो बार सिर्फ साढ़े सात मिनट के ब्रेक मिलते हैं, बीच में टॉयलेट तक के लिए जाने की इजाजत नहीं होती। जबरन ओवरटाइम से इंकार करने पर मज़दूरों को गाली-गलौज का सामना करना पड़ता है। इसीलिए मानेसर के मजदूर अपनी अलग यूनियन बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।
हम सभी जनवादी अधिकार कर्मियों, बुद्धिजीवियों, न्‍यायविदों, मीडियाकर्मियों और इंसाफ़पसंद नागरिकों से उनके इस न्‍यायपूर्ण संघर्ष में साथ देने की अपील कर रहे हैं।
 आप क्या कर सकते हैं :
- इस ऑनलाइन याचिका पर हस्‍ताक्षर करें। http://bit.ly/pCCtjf
  – हमारा आग्रह है कि आप हरियाणा के मुख्यमंत्रीमुख्य सचिवश्रम मंत्रीश्रम सचिव और मारुति सुज़ुकी इंडिया तथा जापान स्थित सुज़ुकी कंपनी के अधिकारियों को ईमेलफैक्सफोनपत्र और टेलीग्राम के द्वारा अपना विरोध पत्र भेजें और हस्ताक्षर अभियान चलाकर ज्ञापन दें। ये सभी पतेईमेल पताफैक्स नं. आदि संलग्न हैं।
अपने वेबसाइट, ब्‍लॉग, फ़ेसबुक आदि के ज़रिए इस आन्‍दोलन की खबरें लोगों तक पहुंचाएं और उनसे समर्थन की अपील करें।
  – हमारा आग्रह है कि नागरिक अधिकारकर्मियों की टीमें गुड़गांव आकर स्थितियों की जांच-पड़ताल करें,  रिपोर्ट तैयार करें और शासन तथा जनता तक न्याय की आवाज़ पहुंचायें।
  – हमारा आग्रह है कि आप अपने-अपने शहरों मेंविशेष तौर परदिल्लीलखनऊ और उत्तर प्रदेश के शहरों में इस मसले को लेकर विरोध प्रदर्शन आयोजित करें।
  – दिल्ली और देश के अन्य शहरों से साथीगण गुड़गांव आकर आकर मज़दूरों के आंदोलन को समर्थन देंगे और उनके पक्ष में सत्याग्रह करेंगे तो उन्‍हें और भी बल मिलेगा।
 – मारुति उद्योग के मज़दूर आन्‍दोलन के समर्थन में नागरिक मोर्चा
संपर्क: सत्‍यम (9910462009), रूपेश (9213639072),  संदीप (8447011935), सौरभ (9811841341)
ईमेल: sandeep.samwad@gmail.com, souravbanerjee25@yahoo.co.in
 नीचे क्लिक करके मुख्‍यमंत्री, कंपनी और सरकारी अधिकारियों से संपर्क के विवरण देखें।

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